गिरगिट रंग क्यों बदलता है ?

गिरगिट रंग क्यों बदलता है गिरगिट या गर्गजीवन (Chameleon) रंग बदलने की क्षमता वाला जानवर है। यह अपनी त्वचा के रंग को बदलकर अपनी पर्यावरण में दिखाई देने के लिए इस्तेमाल करता है। इसकी रंग बदलने की क्षमता का मुख्य कारण इसकी त्वचा में मौजूद पिगमेंट कोशिकाओं के प्रकार और उनके व्यवस्था में अंतर होता है। गिरगिट की त्वचा में कारोटिनोयड्स (Carotenoids) और मेलनिन (Melanin) नामक पिगमेंट कोशिकाएं होती हैं। कारोटिनोयड्स पीले और नारंगी रंग की होती हैं, जबकि मेलनिन काले और हरे रंग की होती हैं। जब गिरगिट अपने रंग को बदलना चाहता है, तो यह अपनी पिगमेंट कोशिकाओं की स्थिति को बदलता है। इसके लिए, यह अपनी त्वचा में पिगमेंट कोशिकाओं की आंतरिक स्थिति को बदलकर उन्हें दिखाई देने के लिए अभिव्यक्त करता है। इस प्रक्रिया के कारण, गिरगिट अपने आसपास के पर्यावरण के रंग से मेल खाता है और ऐसा लगता है कि उसकी त्वचा रंग बदल रही हो। इसके पीछे रंग बदलने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे भोजन, तापमान, प्रकाश, उत्सर्जित विकिरण, संघटक, संघटन, सामरिक प्रक्रियाएं, और मानसिक उत्प्रेरण आदि। यह तरीके से गिरगिट अपने रंग को बदलता है और इसे अपने पर्यावरण से मेल खाने और संप्रेषण करने के लिए इस्तेमाल करता है।

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